कई बार, छोटी-छोटी चीजें हमें बहुत परेशान करती हैं। कंचन भी ऐसे ही हालात में थी। अपने बेडरूम में, बिलकुल शांत, शायद कुछ सोच रही थी। तभी आनंद आया, और उसे तंग करने लगा। कंचन के मना करने के बाद भी, बार-बार बोलता है- चलो दीदी खेलते हैं। अचानक कंचन ने उसे थप्पड़ मार दिया, और वो रोता हुआ अपने पापा के पास चला गया। थोड़ी देर बाद, कंचन को दरवाजे पर आहट सुनाई दी। देखा, तो उसके पापा थे। कंचन का परेशान चेहरा उन्हें दिख गया था। उन्होंने कारण पूछा। वो कहने लगी- पापा! आप ऑफिस में दिनभर काम करते हैं, मां की मदद भी करते हैं, हम सब की जरूरतों से लेकर, हर चीज का ख्याल रखते हैं। और भविष्य की चिंता, वो अलग। कैसे। क्या आपको, इस सब से फ्रस्ट्रेशन नहीं होती। तब उसके पापा ने जवाब दिया- हमें तनाव, तब होता है- जब हम अपने दिमाग, मन और भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर पाते।
अक्सर हम अपनी परेशानियों को मिक्स करते हैं। मैं, अपनी परसनल और प्रोफेशनल लाइफ को मिक्स नहीं करता। जब मैं, तुम सब के साथ घर पर होता हूं, तो दूसरी चीजों के बारे में नहीं सोचता। असल में परेशानियां इतनी बड़ी नहीं होती, लेकिन हम 24 घंटे उनके बारे में सोचते हैं। अगर कोई समस्या है भी, तो याद रखो- उसे जितनी ज्यादा देर तक पकड़ कर रखोगी, तकलीफ उतनी ही बढे़गी। किसी समस्या के लिए, अगर कुछ कर सकते हैं, तो करें, वरना जानें दें। आपके पास और भी कई चीजें हैं, जैसे आपके सपने, उनके लिए काम करें, वरना ये तनाव, आपकी प्रोडक्टिविटी को खत्म कर देगा।